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सनातन बोर्ड

"श्रीराम जन्मभूमि सनातन विश्वविद्यालय"

20-Jun-2025 news
"श्रीराम जन्मभूमि सनातन विश्वविद्यालय"

"श्रीराम जन्मभूमि सनातन विश्वविद्यालय" की स्थापना का संकल्प सनातन धर्म की उस चिरकालिक चेतना को साक्षात मूर्त रूप देना है जो मानवता, ज्ञान, तपस्या और संस्कृति का मूल स्तंभ रही है। सनातन बोर्ड द्वारा प्रस्तावित यह विश्वविद्यालय अयोध्या धाम की पुण्यभूमि पर 101 एकड़ भूमि में विकसित किया जाएगा, जहाँ प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ — वह स्थल जो केवल एक ऐतिहासिक स्मृति नहीं, बल्कि करोड़ों सनातनी जनों की श्रद्धा, आस्था और आत्मगौरव का प्रतीक है। यह विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान परंपरा, धर्म, दर्शन, वेद, आयुर्वेद, योग, ज्योतिष, वास्तु, तंत्र और लौकिक विज्ञान को एकीकृत रूप में उच्च शिक्षा के स्तर पर प्रस्तुत करेगा। आधुनिक अकादमिक मानकों के अनुरूप शोध, नवाचार और वैश्विक संवाद को प्रोत्साहित करते हुए यह संस्थान भारत के प्राचीन ज्ञानकोश को नई पीढ़ी तक पहुँचा कर उन्हें गर्व और स्वाभिमान से भरने का कार्य करेगा। विश्वविद्यालय में गुरुकुल प्रणाली की आत्मा को संरक्षित रखते हुए डिजिटल टेक्नोलॉजी, AI, पर्यावरण विज्ञान, कृषि अनुसंधान और वैश्विक नीति अध्ययन जैसे विषय भी शामिल किए जाएंगे, जिससे विद्यार्थी केवल सनातन के ज्ञाता ही नहीं, आधुनिक भारत के निर्माता भी बनें। यहाँ धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक नेतृत्व, सांस्कृतिक संरक्षण, राष्ट्र निर्माण और विश्व कल्याण की भावना को भी केंद्रीय महत्व मिलेगा। विशेष रूप से चिकित्सा शिक्षा के अंतर्गत आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और योग चिकित्सा के उच्च स्तरीय पाठ्यक्रम संचालित होंगे, जिससे प्राचीन भारतीय चिकित्सा को आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से एक नई दिशा दी जा सकेगी। यह विश्वविद्यालय केवल एक शिक्षण संस्था नहीं, बल्कि एक आंदोलन है — जो भारत की आत्मा को उसके मूल स्वरूप में प्रतिष्ठित करने का यज्ञ करेगा। इसके प्रत्येक भवन, पाठ्यक्रम, गुरुकुल, शोध केंद्र और संस्कारधाम में श्रीराम के आदर्शों की झलक होगी — मर्यादा, न्याय, सेवा और समर्पण। श्रीराम जन्मभूमि सनातन विश्वविद्यालय का उद्देश्य केवल डिग्री प्रदान करना नहीं है, बल्कि ऐसे चरित्रवान, संस्कारित, जागरूक और उत्तरदायी नागरिकों को निर्माण करना है जो संपूर्ण मानवता के लिए लाभकारी बन सकें। वर्तमान में इसका प्रस्ताव सनातन बोर्ड द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार एवं सम्बंधित संस्थाओं को भेजा जा चुका है तथा भूमि चिन्हांकन, योजनाबद्ध निर्माण और वैश्विक सहयोग हेतु तैयारी प्रारंभ हो चुकी है। यह विश्वविद्यालय अयोध्या को केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि वैश्विक वैदिक शिक्षा के केन्द्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है — जहाँ शिक्षा, साधना और संस्कृति का त्रिवेणी संगम होगा। संपूर्ण सनातन समाज से आग्रह है कि इस दिव्य संकल्प को साकार करने में तन, मन, धन से सहभागी बनें और इसे विश्वपटल पर सनातन वैभव का अधिष्ठान बनाएं।

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